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गुरु पूर्णिमा आज, निकलेगी शोभायात्रा

उज्जैन। गुरु पूर्णिमा पर आज शाम फ्रीगंज स्थित घास मंडी से साँईंबाबा की पालकी शोभायात्रा निकलेगी। सुबह फलों के रस व दुग्ध से बाबा का अभिषेक और दोपहर में आरती होगी।


चौबीस खंभा माता मंदिर के पीछे स्थित श्री शिर्डी वाले साँईं बाबा मंदिर पर २३ वाँ सर्वधर्म समभाव गुरु पूर्णिमा उत्सव हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है। संस्थापक अशोक आचार्य, अध्यक्ष दिनेश चौहान तथा सचिव मुकेश नीमा ने बताया कि साँईं बाबा पालकी में सवार हो अपने भक्तों को दर्शन देने उनके बीच आएँगे। पालकी यात्रा आज शाम ५ बजे फ्रीगंज स्थित घास मंडी चौराहे से प्रारंभ होगी, जो प्रमुख मार्गों से होते हुए चौबीस खंभा माता मंदिर के पीछे स्थित श्री शिर्डी साँईं बाबा मंदिर पर संपन्ना होगी। पालकी यात्रा में बैंड, बाजे, हाथी, घोड़ों के साथ साँईं बाबा की झाँकी आकर्षण का केंद्र होगी।


केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी कृषि से शुरुआत

(13/07/11)



बिलासपुर.इसे संयोग ही कहें कि अविभाजित मध्यप्रदेश के मंत्रिमंडल में भी डा. चरणदास महंत ने पारी की शुरुआत बतौर कृषि मंत्री की थी और केंद्र में भी उन्हें यही ओहदा मिला है। कृषि मंत्रालय मिलने के पीछे खेती-किसानी में उनकी गहरी रुचि को वजह माना जा रहा है।


सारागांव में जन्मे, पले-बढ़े डा. चरणदास महंत पहली बार 1985 में अविभाजित मध्यप्रदेश में मंत्री बने। राज्य मंत्रिमंडल में उन्हें कृषि मंत्रालय मिला था। फिर वे अर्जुन सिंह व दिग्विजय सिंह मंत्रिमंडल में क्रमश: आबकारी व गृह जैसे महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री रहे। केंद्रीय मंत्रिमंडल के लिए मंगलवार को जब उनकी ताजपोशी कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री के तौर पर हुई तो मध्यप्रदेश के दिनों में उनके कृषि राज्यमंत्री के कार्यकाल की यादें ताजा हो गईं। 


अविभजित मध्यप्रदेश में छत्तीसगढ़ी संस्कृति को पहचान दिलाने का काम यदि स्व. बिसाहू दास महंत ने किया तो पैतृक, राजनैतिक उत्तराधिकारी के रूप में चरणदास महंत ने उनका अनुसरण किया। 


उन्होंने मध्यप्रदेश के छत्तीसगढ़िया नेताओं को विधानसभा का टिकट दिलाकर राजनीति में प्रतिनिधित्व दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। 7 वर्षो बाद यूपीए सरकार में पहली बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में श्री महंत को शामिल करने तथा उससे पहले ठेठ छत्तीसगढ़िया किसान नंदकुमार पटेल को पीसीसी अध्यक्ष व रविंद्र चौबे को कांग्रेस विधायक दल का नेता बनाकर हाईकमान ने प्रदेश में बदलाव का साफ संकेत दे दिया है।


सरकार बनाने ‘त्रिफला’ का फार्मूला: 


श्री महंत को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने के बाद छत्तीसगढ़ के प्रति कांग्रेस हाईकमान के बदले हुए रुख का लाभ मिलने की उम्मीद की जा रही है। कांग्रेस के रणनीतिकार मानते हैं कि प्रदेश की सत्ता में कांग्रेस की ताजपोशी के लिए हाईकमान ने संगठन को सुदृढ़ करने के लिए महंत, पटेल एवं चौबे का त्रिफला दे दिया है। 


कांग्रेस के लिए आने वाले ढाई साल जनता का भरोसा जीतने की दृष्टि से महत्वपूर्ण होंगे, क्योंकि इसी दौरान पार्टी को राज्य की सत्ता में लाने की भूमिका तैयार होगी।


राज्य की अनेक योजनाएं केंद्र के फंड से चल रही हैं। केंद्र से मिलने वाली आर्थिक सहायता का राज्य सरकार पर दुरुपयोग का भी आरोप लगाया जाता रहा है। अब इन मामलों में श्री महंत के जरिए केंद्र सरकार की निगरानी बढ़ेगी, वहीं छत्तीसगढ़ के किसानों के हित में फैसले करने में मदद मिलेगी।


दबाव बनाने फुल टाइम मंत्री


यूपीए सरकार के अब तक के कार्यकाल में प्रदेश में केंद्रीय मंत्रियों का दौरा घंटों तक सीमित रहता था। यहां पहुंचने वाले मंत्री राज्य सरकार के क्रियाकलापों की सराहना करने से नहीं चूकते थे। 


सुबह फ्लाइट से राजधानी रायपुर पहुंचकर शाफूड प्रोसेसिंग में संभावनाएं बढ़ीं

1974 में कोरबा में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने खाद कारखाने की आधारशिला रखी थी। अब सिर्फ इसकी यादें बाकी रह गई हैं। इसकी भरपाई के लिए वहां नई यूनिट लगाने की पहल करने का वक्त आ गया है। वैसे अंबिकापुर में खाद कारखाने की स्थापना का काम इन दिनों चल रहा है। 

केंद्रीय मंत्रिमंडल में छत्तीसगढ़ को प्रतिनिधित्व मिलने के बाद अब यहां उत्पादित, अमरूद, कटहल, टमाटर, लीची, स्ट्राबेरी, आम आदि के फूड प्रोसेसिंग की यूनिट स्थापित करने की दिशा में पहल हो सकती है। कवर्धा-पंडरिया क्षेत्र की आगर-हाफ सिंचाई परियोजना की संभावनाएं भी बन रही हैं। 

यह योजना केंद्र सरकार की स्वीकृति के लिए वर्षो से अटकी हुई है। इसकी सिंचाई क्षमता सवा लाख हेक्टेयर है। केंद्रीय मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व के साथ ही छत्तीसगढ़ की भूमि व आबोहवा के मुताबिक यहां विकास की नई इबारत लिखने का अवसर प्रदेश कांग्रेस को मिल चुका है।

म को वापस लौटने वाले मंत्रियों की तुलना में डा. महंत के रूप में अब छत्तीसगढ़ को फुल टाइम मंत्री मिल गया है।



पीएमटी घोटाला: कल सस्पेंड होंगे आरोपी स्टूडेंट!

(13/07/11)


बिलासपुर.पीएमटी का पर्चा लीक करने के मामले में जेल में बंद सिम्स के दो स्टूडेंट सस्पेंड किए जा सकते हैं। गुरुवार को मामले में कॉलेज कौंसिल की मीटिंग रखी गई है। इसके अलावा फर्जी तरीके से पीएमटी पास कर सिम्स में पढ़ रही छात्रा के बारे में भी मीटिंग में फैसला लिया जाएगा।


प्री-मेडिकल टेस्ट से ऐन पहले 18 जून की रात दैनिक भास्कर ने पुलिस के साथ मिलकर पेपर लीक करने वाले गिरोह का खुलासा किया था। पुलिस ने उसी दिन 8 लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें सिम्स में एमबीबीएस पढ़ रहे अंबिकापुर के हेमंत दीक्षित और कोरबा के चंद्रमणि कुमार भी शामिल हैं। 


जांच में सीआईडी को पता चला कि हेमंत ने 2009 में पीएमटी भी फर्जी तरीके से पास की थी। उसकी जगह पर किसी और ने परीक्षा दी थी। सीआईडी उसकी तफ्तीश में लगी ही थी कि वह पर्चा लीक करने के मामले में पकड़ा गया। चंद्रमणि भी ऐसे ही मामले में जांच के दायरे में है। जब दोनों की गिरफ्तारी के बाद सिम्स के डीन डॉ. एसके मोहंती ने पुलिस विभाग को चिट्ठी लिखकर कार्रवाई के बारे में जानकारी मांगी थी। शेष पेज 17

मंगलवार को पुलिस ने इसका जवाब दिया। पुलिस के जवाबी पत्र में कार्रवाई की पुष्टि की गई है। साथ ही यह बताया गया कि दोनों ही फिलहाल सेंट्रल जेल में हैं। इसके बाद सिम्स प्रबंधन ने कॉलेज कौंेसिल की मीटिंग बुलाई है। 14 जुलाई को होने वाली इस मीटिंग में सभी एचओडी शामिल होंगे। 


इसमें दोनों छात्रों पर कार्रवाई के संबंध में चर्चा की जाएगी। बताया जा रहा है कि मीटिंग औपचारिक होगी। आरोपों और अब तक की कार्रवाई के आधार पर यह तय है कि मीटिंग के बाद दोनों छात्रों को सस्पेंड किया जा सकता है।


प्रीति लापता, फोन नंबर फर्जी निकला


सिम्स की छात्रा प्रीति सोनी ने भी 2010 में फर्जी तरीके से पीएमटी पास की थी। वह भैयाथान, सूरजपुर की रहने वाली है। सीआईडी की जांच में पता चला कि प्रीति की जगह किसी और ने परीक्षा दी थी। उसने अपना पता भी फर्जी दर्ज कराया था। जांच के दौरान न तो उसके हस्ताक्षर का मिलान हुआ और न ही फोटो का। सिम्स ने उसके बारे में सारी जानकारी सीआईडी को दे दी है। 

प्रबंधन ने उसके परिजन से भी संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन अब तक उनसे संपर्क नहीं हो सका है। प्रीति ने पांच टेलीफोन नंबर दिए थे, पर सारे फर्जी निकले। उसने बिलासपुर के एक अधिवक्ता को लोकल गार्जियन बताया था, पर फर्जीवाड़े में नाम सामने आने के बाद उन्होंने भी हाथ खड़े कर दिए हैं। कौंसिल की मीटिंग में प्रीति के बारे में भी फैसला लिया जाएगा।






\मध्यप्रदेश के कारखानों में महिला श्रमिकों के लिए अब रात्रिकालीन पारियों में 
तैनाती का रास्ता खुल गया है। राज्य सरकार ने ऐसी महिला श्रमिकों की
 सुरक्षा और उन्हें अतिरक्त सुविधाएं देने की शर्त पर नियोजकों को स्वतंत्र और 
अधिकृत कर दिया है।



आधिकारिक सूत्रों के अनुसार मद्रास उच्च न्यायालय के इस सिलसिले में दिए 
गए फैसले के परिप्रेक्ष्य में यह कार्रवाई की गई है। इसके तहत रात्रि की पारी 
में दस बजे से सुबह पांच बजे तक कारखानों में महिला श्रमिकों को रखा जा 
सकेगा।

इस फैसले के तहत राज्य सरकार ने शर्तें भी तय की हैं। इसके मुताबिक 
कारखाना नियोजक और उनके द्वारा जिम्मेदार किए गए अन्य लोगों का यह
 कर्तव्य होगा कि वे कार्यस्थल और उस संस्थान में महिला श्रमिकों का यौन 
उत्पीड़न नहीं होने दें। ऐसी घटना होने पर उसका ब्यौरा अभियोजन की कार्रवाई
 के लिए उन्हें देना होगा।



इस संबंध में साफ किया गया है कि यौन-उत्पीड़न में शारीरिक संपर्क या
 निकटता



 यौन-स्वीकृति की मांग, छेड़खानी, अश्लील साहित्य प्रदर्शन समेत ऐसे सभी



 अवांछित शारीरिक, मौखिक और अमौखिक आचरण शामिल होंगे।